|| श्रीगणेशभुजङगम् || रणत्क्षुद्रघंटानिनादाभिरामं चलत्ताण्डवोद्दण्डवत्पद्मतालम् | लसत्तुन्दिलाङगोपरिव्यालहारं गणाधीशमीशानसूनुं तमीडे ||१|| ध्वनिध्वंसवीणालयोल्लासिवक्त्रं स्फुरच्छुण्डदण्डोल्लसद्वीजपूरम | गलद्दर्पसौगन्ध्यलोलालिमालम् गणाधीशमीशानसूनुं...